गार्डनर बुद्धि सिद्धांत
बुद्धि के विभिन्न सिद्धांतों में होवर्ड गार्डनर ने बुद्धि के एक अद्वितीय सिद्धांत का प्रतिपादन किया जिसे "बहु बुद्धि सिद्धांत" के नाम से जाना जाता है यह सिद्धांत पहली बार 1983 में उनकी प्रसिद्ध पुस्तक "फ्रेम्स ऑफ माइंड : द थ्योरी ऑफ़ मल्टीप्ल इंटेलिजेंस" में प्रकाशित हुआ जिसके अनुसार बुद्धि की आठ श्रेणियां बतलाई गई
1- तर्कपूर्ण गणितीय बुद्धि-
तर्कपूर्ण गणितीय बुद्धि और तर्कशास्त्र गणित से संबंधित क्षेत्र में से एक है जो सभी प्रकार की योग्यताओं प्रतिभाओं और कौशलों के लिए जिम्मेदार होती है इसका संबंध संख्यात्मक योग्यताओं से होता है इसमें निम्नलिखित components विभाजित होते हैं जिसमें निगमनात्मक तर्क योग्यता, आगमनात्मक योग्यता वैज्ञानिक चिंतन तर्कपूर्ण पहेलियों का समाधान शामिल होता है वैज्ञानिक, गणित शास्त्री, दार्शनिक तर्कपूर्ण गणितीय बुद्धि इत्यादि.
2- स्थानात्मक बुद्धि -
स्थानात्मक बुद्धि का संबंध रूपरेखा और चित्रण की कार्य कुशलता का प्रयोग करने वाले व्यक्तियों से होता है इसमें तर्कपूर्ण गणितीय बुद्धि से भिन्न एवं ब्रह्मांड के अनुकूल, नक्शों के अध्ययन, दृश्यात्मक कलाओं और शतरंज खेलने से संबंधित होती है चित्रकार, वास्तु-निर्माता इंजीनियर,मैकेनिक,सर्वेक्षक नौचालक,शिल्पकार और शतरंज के खिलाड़ी आदि
3- संगीतात्मक बुद्धि -
संगीतात्मक बुद्धि संगीत के क्षेत्र से संबंधित योग्यताओं प्रतिभाओं और कौशलों से संबंधित होती है इसके अंतर्गत नई आवाज की उतार- चढ़ाव, रचना, तान का प्रयोग इत्यादि व्यक्ति की योग्यताएं सम्मिलित होती हैं संगीतात्मक अभिव्यक्ति के प्रकारों का आनंद लेते हुए जब व्यक्ति इसका प्रयोग प्रदर्शित करता है तो ऐसे लोगों को संगीतकार कहा जाता है
4- भाषाई बुद्धि -
इस प्रकार की बुद्धि मनुष्यों में उपलब्ध सभी प्रकार की भाषा संबंधी व्यवस्था योग्यता प्रतिभा और कौशल के लिए जिम्मेदार होती है यह व्याकरण और वाक शक्ति के साथ व्यवहार करने संबंधी व्यक्ति की योग्यता होती है इसे निम्नलिखित आधार पर जाना जाता है जैसे -वाक्य रचना, शब्दार्थ विज्ञान, व्यावहारिकता या उपयोगिता तथा विद्यालय अभिमुख अधिक कौशल में जैसे की लिखित या मौखिक अभिव्यक्ति इस प्रकार की बुद्धि वकीलों,व्याख्याता लेखक, गीतकारों, पत्रकार इत्यादि में पाई जाती है
5 - शारीरिक संचालन क्रियात्मक बुद्धि -
इस प्रकार की बुद्धि व्यक्तियों द्वारा अपने शारीरिक अंगों के उपयोग से अपनी योग्यताओं प्रतिभाओं और कौशलों को दर्शाने से संबंधित है या कौशल पूर्ण और उद्देश्य पूर्ण संचालन करने के लिए प्रयोग की जाती है एक प्रकार से जब कोई खिलाड़ी अपने शारीरिक अंगों का प्रयोग करके खेलता है या कोई नर्तक नृत्य के दौरान अपने शारीरिक अंगों का प्रयोग करता है तो वह शारीरिक संचालन क्रियात्मक बुद्धि है
6- अंतर व्यक्तिगत या पारस्परिक संबंध बुद्धि -
इस प्रकार की बुद्धि में दूसरों को समझने की योग्यताएं निहित होती हैं अर्थात स्वयं के अतिरिक्त व्यक्ति और दूसरों के साथ अपने संबंध को किस प्रकार स्थापित करता है यह पारस्परिक संबंध बुद्धि की विशेषताएं हैं इसके अतिरिक्त इसमें दूसरों के ज्ञान पर आधारित उत्पादक रूप से क्रिया करने की योग्यता शामिल होती है जिसकी व्यक्ति के दैनिक जीवन में सामाजिक पारस्परिक क्रियाओ के लिए आवश्यकता होती है व्यवहारिक जीवन में इस प्रकार की बुद्धि राजनीतिक,धार्मिक नेताओं, अध्यापकों, चिकित्सको, मनोचिकित्सको इत्यादि में देखी जाती है
7- आंतरिक व्यक्तिगत बुद्धि-
इसमें स्वयं के आंतरिक पहलुओं का ज्ञान स्वयं की भावनाओं और संवेगों तक पहुंच निहित होती है इसके अंतर्गत व्यक्ति स्वयं के बारे में जानने की योग्यता रखता है इसमें अपने ज्ञान के भंडार का व्यावहारिक स्थितियों में उपयोग करने के लिए अपनी खुद की ज्ञानात्मक क्षमताओं शैलियों और मानसिक कार्य प्रणाली तथा अपनी भावनाओं संवेगों और कौशलों का ज्ञान शामिल है व्यक्ति में इस प्रकार की बुद्धि तक पहुंच केवल आत्मभिव्यक्ति द्वारा होती है अर्थात भाषा, संगीत, दृश्यात्मक कला और अन्य इस प्रकार की अभिव्यक्तियां इसका उदाहरण है हमारे व्यवहारिक जीवन में इस प्रकार की बुद्धि संतमहात्मा, ऋषियों इत्यादि के पास पाई जाती है
8 - प्राकृतिक बुद्धि -
इस प्रकार की बुद्धि के अन्तर्गत व्यक्ति प्रकृति से सम्बंधित तथ्यों को पहचानना उसका निरीक्षण, वर्गीकृत उसको भली भाँती समझने की योग्यता सम्मिलित होती है। इसके अंतर्गत व्यक्ति प्रकृति के अधिक समीप होता है प्राकृतिक घटनाओं वस्तुओं पर अपना ध्यान अधिक केंद्रित करता है इसमें प्रयोग किए जाने वाले कार्यों में मौसम विभाग की जानकारी वाइल्ड एवं अन्य प्रकार के जानवरों के व्यवहार को समझना एवं प्राकृतिक तथ्यों पर अधिक ध्यान दिया जाता है
All content is copyright ©️
No comments:
Post a Comment