Tuesday, November 19, 2024

फ्रायड का सिद्धांत ,मनोविश्लेषणात्मक सिद्धान्त

 

          फ्रायड का मनोविश्लेषणात्मक सिद्धांत 


प्रस्तावना 

सिंगमण्ड फ्रायड (1856 1939 ) प्रथम व्यक्ति था जिसने व्यक्तित्व की मनोविश्लेषणात्मक विधि का प्रतिपादन किया । अपनी जैविक प्रवृत्तियों को वश में करने के निरंतर संघर्ष में कार्यरत लोगों को देखकर सिंगमण्ड फ्रायड ने इस विधि का प्रतिपादन किया ।

फ्रायड के मनोविशलेषण सिद्धान्त के अनुसार व्यक्तित्व की     संरचना


1 - व्यक्तित्व का गतिशील पहलू

फ्रायड के अनुसार - यह वह पहलू है जिसमें व्यक्तित्व एक अभिकर्ता जिसके माध्यम से मूल प्रवृत्तियों में उत्पन्न संघर्षों का समाधान किया जाता है । फ्रायड ने इसे 3 भागों में बाँटा है - 

1- इदम् ( Id ) - यह मन का असभ्य भाग होता है जिसमें आन्तरिक प्रवृत्तियाँ मूल प्रवृत्तियाँ , इच्छाएं निहित होती है। ये सुख - सिन्द्वात द्वारा निर्देशित होती है और सभ्य मांगों और नियत्रणों के बन्धन से मुक्त होती है। साधारण शब्दों में कहें ' इदम हमारे भीतर का पशु है .असभ्य अनियन्त्रित प्रवृत्तियाँ है । (Id is the beast in us, the savage, uninhibited urges . ) इसकी निम्नलिखित विशेषताएं हैं-

 1 - इदम की प्रकृति अचेतन होती है । और इसका यथार्थता से कोई सीधा सम्बन्ध नहीं होता है। 

2 - यह नैतिकता या अनैतिकता के विचार से परे होता है क्योंकि इसमें कोई सामाजिक मूल्य या नैतिकता नहीं होती है। यह कोई कानून नहीं जानता है।

 3 - यह तर्कहीन होता है। 

 4 - यह सुख सिद्धांत द्वारा प्रभावित होता है।

 5 - इसमें सभी दबी हुई इच्छाएं भावनाएं और विचार निहित है। 

 6 - यह काम प्रवृत्ति का कुंड होता है।


 2- अहम (Ego) - यह मन का वह भाग है जो एक तरफ बाहरी संसार के सम्पर्क में रहता है और दूसरी तरफ इदम के सम्पर्क में रहता है। यह यथार्थपूर्ण जीवन के अनुसार विचारों , निर्णयों , व्याख्याओ और व्यवहार को व्यावहारिक और कुशल रखने का प्रयत्न करता है। इदम् की किन इच्छाओ की पूर्ति करनी है और किस प्रकार करनी है इस बात को नियन्त्रित करने के लिए, चयन करने के लिए और निर्णय लेने के लिए यह बुद्धि से कार्य करता है । इस प्रकार यह इदम की इच्छाओं और यथार्थता की मांगों के बीच समायोजक होता है। इसे अपनी खुद की क्रिया के परिणामों का ज्ञान होता है। और जब सक्षम हो तो पर्यावरण और प्राणी के बीच संतुलन स्थापित करता है। इसकी निम्न लिखित विशेषताएं होती है -

 1 - इसकी प्रकृति तर्कपूर्ण होती है।

 2 - अहम (Ego) ' चेतन और अचेतन दोनो होता है।

 3 - यह निद्रा की स्थिति मे जाता है लेकिन सपनों पर नियन्त्रण रखता है ।


 3 - परम अहम् - ( Super ego ) - परम अहम मन का वह भाग है जिसे अन्तरात्मा कहा जाता है। इसका प्राथमिक कर्तव्य है। हमसे सभ्य मनुष्य की तरह व्यवहार करवाना इसकी मुख्य विशेषताएं - 

1 - यह सामाजिक और नैतिकता का प्रतीक है। 

2 यह अहम (ego) के ऊपर नियन्त्रण रखता है। 

3 - अहम की तुलना में इसका कम भाग चेतन में होता है। 

4 - यह नैतिक समीक्षक होता है। जो अहम में अचेतन दोष की भावना बनाए रखता है। इसे अन्तरात्मा के बराबर समझा जाता है। इस प्रकार परम अहम व्यक्ति के व्यक्तित्व का नैतिक पक्ष होता है । 


 ख) - व्यक्तित्व का स्थल रूपरेखीय पहलु - 


। - चेतन - Counscious - चेतन से फ्रॉयड का अर्थ है मन का वह भाग जो तत्काल जानकारी से सम्बन्धित होता है। यह उन सभी विचारों, भावनाओं और धारणाओं से निर्मित होता है। जिनको बिना अधिक प्रयास किए तत्काल ही स्मरण किया जा सकता है। जागृत अवस्था में सोचता हुआ व्यक्ति मन के चेतन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता है। 

2 - अवचेतन (Sub - Counscious) - इसमें वे सभी अनुभव शामिल होते हैं जो तत्कालिक रूप से चेतन नहीं होते हैं। लेकिन स्वाभाविक रुप या थोड़े से प्रयास से या विचारो के जुड़ाव से जिन्हें तुरन्त जानकारी में लाया जा सकता है l 

3 - अचेतन  (Unconscious) - अचेतन वह भाग है जिसकी जानकारी व्यक्ति को नही होती है और यह मन का वह भाग है। जिसमें सभी भूली हुई बातें निहित हैं और जिन्हें साधारण परिस्थितियों में इच्छा से वापस स्मरण  में लाया जा सकता है यह अनेक असंतुष्ट इच्छाओं और प्रवृत्तियों का भंडार गृह होता है।          फ्रायड का विश्वास है कि मानव व्यक्तित्व का महत्वपूर्ण भाग व्यक्ति के अचेतन क्षेत्र में स्थापित है। इसकी निम्नलिखित कारण दिये गए थे 

1 - स्वप्न अचेतन के अस्तित्व को सिद्ध करते हैं। 

 2 - अचानक याद आना 

3 - चेतना शून्य करने के बाद व्यक्त किए गये विचार । 

4 - गलती से मुँह से निकले शब्द और लिखने में गलतियाँ ।

 5 - निद्रा की अवस्था में समस्याओं का समाधान । 


निष्कर्ष - फ्रायड के अनुसार व्यक्तित्व की गतिशील संरचना तीन मुख्य व्यवस्थाओं  निर्मित है - इदम - अहम और परम अहम ।व्यक्तित्व का स्थल रूपरेखीय पहलु - । - चेतन - Counscious   2- अवचेतन 3-अचेतन  जो व्यक्तित्व का निर्धारण करता है। 








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